November 18, 2025

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ब्रेस्ट कैंसर से करना चाहती हैं बचाव तो 20 साल से ज्यादा उम्र होने पर इन लक्षणों पर दें ध्यान

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आज के समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज आसान हो गया है। लेकिन अब भी इस गंभीर बीमारी के कारण मौत के मुंह में समाने वाले लोगों की संख्या लाखों में है। अध्ययनों के मुताबिक आनुवंशिक और बाहरी कारकों के संयोजन की वजह से कैंसर होता है। क्योंकि यह बीमारी सभी उम्र और सभी लिंग को प्रभावित करती है, इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट सभी लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं।

बता दें कि पुरुषों-महिलाओं को कैंसर अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। कई अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है। पुरुषों में कोलन, फेफड़े, स्किन और प्रोस्टेट के कैंसर होते हैं। तो वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर और इसके लक्षणों की कैसे पहचान की जा सकती है।

महिलाओं में कैंसर का खतरा

वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि महिलाओं में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के रिपोर्ट किए जाते हैं। वैसे तो 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है। लेकिन कई कारकों के चलते 20 साल की लड़कियां भी इस गंभीर बीमारी का शिकार हो रही हैं। ऐसे में महिलाओं को कम उम्र से ही ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारकों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।

ऐसे में आज हम आपको उन लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर समय रहते ध्यान देकर आप ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कर सकती हैं। वहीं समय पर इलाज होने से इस कैंसर के ठीक हो जाने की भी संभावना बढ़ जाती हैं।

स्तन में गांठ

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो 20 साल से अधिक उम्र होने पर हर महिला को नियमित रूप से अपने स्तनों की खुद जांच करते रहना चाहिए। अगर इस दौरान स्तनों के आकार में किसी तरह का बदलाव या किसी तरह की गांठ महसूस होती है, तो आपको सतर्कता बरतने की जरूरत है। क्योंकि अधिकतर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की शुरूआत में इन लक्षणों का अनुभव होता है। यदि कुछ समय तक इस तरह की समस्या बनी रहती है, तो आपको जल्द ही किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।

स्तन में दर्द या डिस्चार्ज

बता दें कि स्तनों में दर्द होना या फिर निप्पलों से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होते रहने पर भी आपको सतर्क हो जाना चाहिए। अगर आपके स्तनों में लगातार दर्द महसूस होता रहता है, स्तनों में सिकुड़न या लालिमा है या फिर निप्पल में कोई असामान्य परिवर्तन नजर आता है। तो यह ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। जिन्हें आपको नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए। वहीं कुछ मामलों में ब्रेस्ट कैंसर होने पर निप्पल से खूनी डिस्चार्ज भी हो सकता है। इस तरह के लक्षणों पर समय रहते ध्यान देने और इलाज की जरूरत होती है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए वेट कंट्रोल में रखना जरूरी होता है, क्योंकि मोटापा ब्रेस्ट कैंसर के जोखिमों को बढ़ाता है।

रिसर्च से पता चलता है कि फिजिकल एक्टिविटी, रोजाना व्यायाम आदि के जरिए ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को 10% तक कम किया जा सकता है।

कई तरह के फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। फलों में एंटीकैंसर और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर से बचाव कर सकते हैं।

साथ ही धूम्रपान और शराब से दूरी बनाकर रखें। क्योंकि इसकी वजह से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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