November 18, 2025

समाज से नाता-समाचारों से वास्ता

फिलिस्तीनी राजदूत से मुलाकात के बाद अब प्रियंका ने संसद परिसर में किया कुछ ऐसा, मच गया बवाल

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Priyanka Large 1337 19
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गाजा। कांग्रेस महासचिव गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करती रही हैं। “फिलिस्तीन” शब्द और तरबूज समेत फिलिस्तीनी प्रतीकों से सजा हुआ हैंडबैग ले जाने को फिलिस्तीनी एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। नई दिल्ली में फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जजेर ने पिछले हफ्ते प्रियंका को केरल के वायनाड से उनकी हालिया चुनाव जीत पर कांग्रेस नेता को बधाई देने के लिए बुलाया था।
प्रियंका गांधी के फिलिस्तीन वाले बैग पर घमासान हो चुका है। दरअसल, फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर प्रियंका गांधी संसद पहुंची और जिसके बाद बीजेपी ने इसको लेकर उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ कहा। इंटरनेट यूजर्स में से एक ने कहा कि प्रियंका गांधी अपने समर्थन का प्रतीक एक विशेष बैग लेकर फिलिस्तीन के साथ अपनी एकजुटता दिखा रही हैं। एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि ‘विजय दिवस’ पर हमास जैसे संगठन का समर्थन करना अच्छा नहीं है, जिस दिन पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना को हराया था। प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी की पोती हैं। अन्य यूजर्स ने कहा कि अगर प्रियंका गांधी ने भारत की जीत का प्रतीक कोई वस्तु चुनी होती तो यह उचित होता।
बता दें कि कांग्रेस महासचिव गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करती रही हैं। “फिलिस्तीन” शब्द और तरबूज समेत फिलिस्तीनी प्रतीकों से सजा हुआ हैंडबैग ले जाने को फिलिस्तीनी एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। नई दिल्ली में फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जजेर ने पिछले हफ्ते प्रियंका को केरल के वायनाड से उनकी हालिया चुनाव जीत पर कांग्रेस नेता को बधाई देने के लिए बुलाया था।
आपको बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी। उन्होंने उन पर और उनकी सरकार पर बर्बरता का आरोप लगाया था। कांग्रेस महासचिव की यह टिप्पणी नेतन्याहू द्वारा अमेरिकी कांग्रेस में एक भाषण में गाजा में इजरायल के चल रहे युद्ध का बचाव करने के बाद आई थी। प्रियंका ने कहा था कि अब नागरिकों, माताओं, पिताओं, डॉक्टरों, नर्सों, सहायता कर्मियों, पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और उन हजारों निर्दोष बच्चों के लिए बोलना पर्याप्त नहीं है जो दिन-ब-दिन मारे जा रहे हैं।

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